आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में एक नई बहस छिड़ गई है, जब ओपनएआई (OpenAI) के पूर्व शोधकर्ता सुचिर बालाजी (Suchir Balaji) की अचानक मौत के बाद उनकी अंतिम पोस्ट वायरल हो गई। इस पोस्ट में उन्होंने एआई मॉडल प्रशिक्षण के दौरान कॉपीराइट उल्लंघन और डेटा संग्रह की अनैतिक प्रथाओं को उजागर किया। सुचिर बालाजी की कहानी उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन यात्रा के साथ एआई नैतिकता की गंभीर चुनौतियों पर रोशनी डालती है ।
सुचिर बालाजी: एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व
25 वर्षीय सुचिर बालाजी (Suchir Balaji) ने कम उम्र में ही तकनीकी क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली थी। चेन्नई, भारत में जन्मे और पले-बढ़े सुचिर एक कुशाग्र बुद्धि वाले छात्र थे। उन्होंने अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की और 2020 में ओपनएआई में काम शुरू किया। ओपनएआई (OpenAI) में चार साल के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने डेटा संग्रह और एआई मॉडल प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बालाजी की बढ़ती चिंताओं के कारण उन्होंने अगस्त 2023 में ओपनएआई से इस्तीफा दे दिया, जिसका उन्होंने द न्यू यॉर्क टाइम्स के साथ अपने साक्षात्कार में विवरण दिया। उन्होंने इस आउटलेट से कहा, “अगर आप वही मानते हैं जो मैं मानता हूं, तो आपको बस छोड़ देना चाहिए।” उनका यह इस्तीफा एक प्रमुख एआई कंपनी से नैतिक कारणों से होने वाला पहला उच्च-प्रोफ़ाइल इस्तीफा था।
सुचिर का झुकाव केवल तकनीकी समस्याओं को हल करने तक सीमित नहीं था। वे नैतिकता और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर भी बेहद संवेदनशील थे। उनके करीबी साथियों ने बताया कि वे हमेशा प्रौद्योगिकी को “समाज के लाभ” के लिए उपयोग करने की वकालत करते थे। बालाजी की आलोचना केवल ओपनएआई तक सीमित नहीं थी; उन्होंने जनरेटिव एआई के नैतिक प्रभावों और इसके रचनाकारों तथा व्यापक डिजिटल अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभावों पर एआई समुदाय में एक व्यापक बातचीत की आवश्यकता की भी बात की।
ओपनएआई (OpenAI) के साथ सफर और नैतिक चिंताएं
ओपनएआई (OpenAI) में सुचिर बालाजी को बड़े पैमाने पर वेब से डेटा एकत्र करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बालाजी की भूमिका OpenAI में महत्वपूर्ण थी। कंपनी के साथ लगभग चार वर्षों तक जुड़े रहने के दौरान, उन्होंने ChatGPT के विकास में योगदान दिया, विशेष रूप से एआई सिस्टम को प्रशिक्षित करने के लिए वेब डेटा के बड़े भंडार को एकत्रित और व्यवस्थित करने पर ध्यान केंद्रित किया।
शुरुआत में, उनका मानना था कि OpenAI और अन्य तकनीकी कंपनियों को एआई प्रगति के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा, जिसमें कॉपीराइट द्वारा संरक्षित सामग्री भी शामिल है, का उपयोग करने का अधिकार है। हालांकि, 2022 के अंत में ChatGPT के लॉन्च के बाद, उनका दृष्टिकोण नाटकीय रूप से बदल गया।
उन्होंने चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे मॉडलों के व्यावसायिक उपयोग के कॉपीराइट सामग्री के दुरुपयोग को उजागर किया, जो रचनात्मक पेशेवरों की आजीविका के लिए एक बड़ा खतरा था। सुचिर के अनुसार, “जब एक शोध परियोजना को व्यवसाय में बदल दिया जाता है, तो नैतिकता और कानून का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य हो जाता है।”
उन्होंने ओपनएआई के व्यवसायिक रणनीति को “इंटरनेट के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक” कहा।
अंतिम पोस्ट और वायरल संदेश
सुचिर बालाजी ने अपनी मृत्यु से कुछ दिन पहले एक व्यक्तिगत ब्लॉग पोस्ट के जरिए अपनी चिंताओं को दुनिया के सामने रखा। उन्होंने लिखा कि ओपनएआई (OpenAI) ने “कॉपीराइट सामग्री को बड़े पैमाने पर स्क्रैप करके” न केवल रचनात्मक समुदायों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि “फेयर यूज” के दायरे से भी परे जाकर नियमों का उल्लंघन किया।
उन्होंने चेताया कि अगर इन प्रथाओं पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह इंटरनेट के मौजूदा व्यापार मॉडल को समाप्त कर सकता है।The New York Times के साथ एक साक्षात्कार में, बालाजी ने खुलासा किया कि वे शुरू में कॉपीराइट कानून की जटिलताओं से अनजान थे, लेकिन जैसे-जैसे एआई कंपनियों के खिलाफ मुकदमों की संख्या बढ़ी, उनका इस विषय में गहरी रुचि बढ़ी। उन्होंने कहा, “शुरुआत में मुझे कॉपीराइट, फेयर यूज आदि के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन GenAI कंपनियों के खिलाफ दायर किए गए मुकदमों को देखकर मेरी जिज्ञासा बढ़ी।”
कानूनी विवाद और सुचिर का योगदान
ओपनएआई (OpenAI) पहले ही कई कॉपीराइट मामलों का सामना कर रहा है, जिनमें से एक न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा दायर हाई-प्रोफाइल मामला भी है। बालाजी के विचार इन कानूनी मामलों में शिकायतकर्ताओं के पक्ष को मजबूत कर सकते हैं।
उनकी पोस्ट ने एआई प्रशिक्षण में उपयोग किए जाने वाले डेटा के स्रोतों और प्रथाओं पर नए सवाल खड़े किए हैं। इस मुद्दे ने रचनात्मक समुदायों, वकीलों और नीति निर्माताओं को गहराई से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
सुचिर बालाजी की रहस्यमय मौत
अगस्त 2024 में ओपनएआई (OpenAI) से इस्तीफा देने के बाद, सुचिर ने अपने विचारों को साझा करने के लिए स्वतंत्र मंचों का सहारा लिया। उनकी आकस्मिक मौत ने तकनीकी और कानूनी हलकों में गंभीर चिंता पैदा कर दी है। उनकी पोस्ट ने न केवल सोशल मीडिया पर हलचल मचाई बल्कि एआई नैतिकता पर चर्चा को भी फिर से जिंदा कर दिया।
भविष्य की दिशा और सुचिर का संदेश
सुचिर बालाजी की कहानी एआई नैतिकता और जिम्मेदारी की ओर एक चेतावनी है। उनकी पोस्ट और विचार एआई के विकास में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देते हैं। उनकी मृत्यु ने एक महत्वपूर्ण संदेश छोड़ा है: “टेक्नोलॉजी को केवल लाभ कमाने का माध्यम न बनाएं, बल्कि इसे समाज के लिए एक सकारात्मक शक्ति बनाएं।”
यह लेख सुचिर बालाजी के जीवन, उनके काम और एआई की नैतिकता पर उनके विचारों को एक सम्मानजनक श्रद्धांजलि देता है। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे तकनीकी उद्योग के लिए एक आवश्यक आत्मावलोकन का अवसर प्रदान करते हैं।
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