रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को घोषणा की कि रूस BRICS समूह और अन्य देशों के साथ मिलकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के विकास में सहयोग करेगा। इसका उद्देश्य 21वीं सदी की इस महत्वपूर्ण तकनीक में अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती देना है।
मॉस्को में रूस के प्रमुख AI सम्मेलन में बोलते हुए, पुतिन ने कहा कि नया AI अलायंस नेटवर्क BRICS देशों और अन्य इच्छुक राष्ट्रों की राष्ट्रीय AI संस्थाओं और विकास संस्थानों को साथ लाएगा।
AI सहयोग का महत्व
मॉस्को में आयोजित “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जर्नी” सम्मेलन के दौरान पुतिन ने जोर दिया कि AI मानवता के भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे परमाणु ऊर्जा के उपयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय नियम बनाए गए हैं, वैसे ही AI के लिए भी पारदर्शी और निष्पक्ष नियम तैयार किए जाने चाहिए। इसके तहत, BRICS देशों का एक AI गठबंधन बनाने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें रूस की AI विशेषज्ञता का लाभ उठाया जाएगा।
पश्चिमी देशों की आलोचना
पुतिन ने पश्चिमी देशों पर AI प्रौद्योगिकी में पक्षपात और सांस्कृतिक भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ पश्चिमी सर्च इंजन और प्लेटफॉर्म “रूसी संस्कृति को मिटाने” की कोशिश कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में, उन्होंने सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और तकनीकी नवाचार को संतुलित करने पर जोर दिया।
पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद प्रयास
यूक्रेन युद्ध के कारण रूस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते, माइक्रोचिप्स जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों तक इसकी पहुंच सीमित हो गई है। प्रमुख माइक्रोचिप निर्माता कंपनियों ने रूस को निर्यात रोक दिया है, जिससे इसके AI विकास में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
रूस में AI विकास का नेतृत्व स्बेरबैंक कर रहा है, जो देश का प्रमुख वित्तीय संस्थान है। हालांकि, स्बेरबैंक के CEO जर्मन ग्रीफ ने 2023 में स्वीकार किया था कि ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs), जो AI विकास का आधार हैं, को बदलना रूस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
BRICS और अन्य देशों का सहयोग
स्बेरबैंक ने घोषणा की कि BRICS देशों (ब्राजील, चीन, भारत, दक्षिण अफ्रीका) के अलावा सर्बिया और इंडोनेशिया जैसे अन्य गैर-BRICS देशों की राष्ट्रीय AI संस्थाओं ने AI अलायंस नेटवर्क में शामिल होने की इच्छा जताई है। यह नेटवर्क AI अनुसंधान और नियामक ढांचे पर संयुक्त प्रयास करेगा और सदस्य देशों के बाजारों में AI उत्पादों के व्यापार को सुगम बनाएगा।
AI नेतृत्व में बदलाव की संभावना
वर्तमान में, अमेरिका और चीन AI के दो सबसे बड़े वैश्विक शक्ति केंद्र हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने AI और क्रिप्टो के लिए एक व्हाइट हाउस “सीजा़र” की नियुक्ति की है। इसका उद्देश्य अमेरिका को सबसे धनी और तकनीकी रूप से उन्नत देश बनाए रखना है।
हालांकि, चीन के साथ रूस का यह गठबंधन AI दौड़ के समीकरण को बदल सकता है।
रूस की AI योजनाएं और संभावनाएं
पुतिन ने सम्मेलन में कहा, “रूस को वैश्विक AI निर्माण की दौड़ में समान शर्तों पर भाग लेना चाहिए। रूसी वैज्ञानिक इस क्षेत्र में उन्नत समाधान तैयार कर रहे हैं।” उन्होंने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को सहयोग के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि यह नेटवर्क संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देगा और AI उत्पादों के विकास और बिक्री के अवसर प्रदान करेगा।
रूस वर्तमान में उन 10 देशों में शामिल है जो अपने स्वयं के जनरेटिव AI मॉडल विकसित कर रहे हैं। इसमें स्बेरबैंक का “गिगाचैट” और यांडेक्स का “YandexGPT” प्रमुख हैं। लेकिन रूस के प्रयास अभी भी शुरुआती चरण में हैं।
Yakov & Partners नामक कंसल्टेंसी के अनुसार, रूस के पास AI के क्षेत्र में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाने की क्षमता है। रूस की AI रणनीति के तहत 2030 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में AI का योगदान 11.2 ट्रिलियन रूबल (लगभग $109 बिलियन) तक बढ़ने की संभावना है, जो 2023 में मात्र 0.2 ट्रिलियन रूबल ($1.9 बिलियन) थी।
इस रणनीति में यह भी कहा गया है कि 2030 तक 80% रूसी श्रमिकों को AI कौशल हासिल करना होगा, जो 2023 में केवल 5% थे। AI निवेश को भी सात गुना बढ़ाकर 850 बिलियन रूबल किया जाएगा।
वैश्विक AI रैंकिंग में स्थिति
UK-आधारित Tortoise Media Global AI Index के अनुसार, AI अनुप्रयोग, नवाचार, और निवेश में रूस 83 देशों की सूची में 31वें स्थान पर है। यह अमेरिका, चीन, और यहां तक कि भारत और ब्राजील जैसे BRICS देशों से भी पीछे है।
भविष्य की राह
रूस का BRICS और अन्य देशों के साथ AI सहयोग उसकी रणनीति को नए आयाम दे सकता है। यह कदम AI नेतृत्व में बदलाव ला सकता है और रूस को वैश्विक स्तर पर AI विकास के अग्रणी देशों में शामिल कर सकता है। हालांकि, पश्चिमी प्रतिबंध और तकनीकी संसाधनों की कमी अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।
इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि रूस और उसके साझेदार देश AI के क्षेत्र में वैश्विक भूमिका निभाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहे हैं।
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