Beware! Your smartphone is listening to your conversations.

सावधान ! आपका फोन आपकी बातें सुन रहा है ।। Beware! Your smartphone is listening to your conversations.

स्मार्टफोन (Smartphone) आज हमारी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। इनके माध्यम से हम संचार, मनोरंजन, शिक्षा, और व्यवसाय से जुड़े अनेक कार्य संपन्न करते हैं। हालांकि, इनकी बढ़ती उपयोगिता के साथ-साथ प्राइवेसी और सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी उभरकर सामने आई हैं। एक प्रमुख चिंता यह है कि क्या हमारे स्मार्टफोन (Smartphone) हमारी बातचीत को सुनते हैं और उस जानकारी का उपयोग हमारे खिलाफ या व्यावसायिक लाभ के लिए करते हैं।

क्या आपका फोन (Smartphone) आपकी बातें सुन रहा है?

कई उपयोगकर्ताओं ने अनुभव किया है कि किसी उत्पाद या सेवा के बारे में बातचीत करने के तुरंत बाद, उन्हें उसी से संबंधित विज्ञापन अपने सोशल मीडिया फीड या वेब पेजों पर दिखाई देने लगते हैं। यह संयोग मात्र नहीं है। वास्तव में, कई ऐप्स आपके फोन (Smartphone) के माइक्रोफोन, कैमरा, और लोकेशन तक पहुंच की अनुमति मांगते हैं, ताकि वे आपकी गतिविधियों को ट्रैक कर सकें और आपको पर्सनलाइज्ड विज्ञापन दिखा सकें।

कैसे होती है आपकी बातचीत की निगरानी?

स्मार्टफोन (Smartphone) में कई सेंसर होते हैं, जिनमें से एक माइक्रोफोन है। कुछ ऐप्स माइक्रोफोन की अनुमति प्राप्त कर आपकी बातचीत को सुन सकते हैं, भले ही आप उस ऐप का सक्रिय रूप से उपयोग न कर रहे हों। ये ऐप्स आपकी आवाज़ को रिकॉर्ड कर उन कंपनियों को भेजते हैं, जो इस डेटा का उपयोग आपको लक्षित विज्ञापन दिखाने के लिए करती हैं।

Beware! Your smartphone is listening to your conversations.

क्या यह कानूनी है?

ऐप कंपनियों को उपयोगकर्ताओं के डेटा को इकट्ठा करने, स्टोर करने और उपयोग करने के तरीकों के बारे में स्पष्ट नियम और शर्तें प्रदान करनी होती हैं। हालांकि, उपयोगकर्ताओं को भी यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि वे किस ऐप या साइट को क्या अनुमति दे रहे हैं। आमतौर पर, जब हम किसी ऐप को माइक्रोफोन, कैमरा, या लोकेशन की अनुमति देते हैं, तो हम अनजाने में अपनी प्राइवेसी को खतरे में डालते हैं।

आप अपनी प्राइवेसी कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?

  1. ऐप परमिशन्स की समीक्षा करें: अपने फोन (Smartphone) में मौजूद ऐप्स को दी गई अनुमतियों की नियमित रूप से जांच करें। यदि कोई ऐप अनावश्यक रूप से माइक्रोफोन, कैमरा, या लोकेशन की अनुमति मांग रहा है, तो उसे बंद कर दें।
  2. सेटिंग्स में बदलाव करें: अपने फोन (Smartphone) की सेटिंग्स में जाकर माइक्रोफोन और कैमरा एक्सेस को नियंत्रित करें। उदाहरण के लिए, आप Google अकाउंट की सेटिंग्स में जाकर ‘Voice & Audio Activity’ को बंद कर सकते हैं।
  3. सोशल मीडिया अकाउंट्स को लिंक करने से बचें: अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को किसी भी साइट या सेवाओं से कनेक्ट करने से पहले सोचें या फिर नजरअंदाज करें।
  4. VPN का उपयोग करें: यदि आप अपनी प्राइवेसी को लेकर अधिक संवेदनशील हैं, तो अपने डिवाइस में VPN इंस्टॉल करें। यह आपके IP एड्रेस को मास्क करता है और ऑनलाइन गतिविधियों को एन्क्रिप्ट करता है।

क्या वास्तव में हमारा फोन हमारी बातें सुन रहा है?

इस प्रश्न का उत्तर जटिल है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ऐप्स हमारी बातचीत को सुनकर डेटा इकट्ठा करते हैं, जबकि अन्य का कहना है कि यह केवल हमारे ऑनलाइन व्यवहार और सर्च हिस्ट्री के आधार पर होता है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि हमारी ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी की जा रही है और हमें इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है।

स्मार्टफोन (Smartphone) हमारी जिंदगी को सरल और सुविधाजनक बनाते हैं, लेकिन उनकी उपयोगिता के साथ-साथ प्राइवेसी संबंधी चुनौतियां भी बढ़ती हैं। हमें अपने डेटा की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए और ऐप्स को दी जाने वाली अनुमतियों की नियमित समीक्षा करनी चाहिए। साथ ही, हमें यह समझना होगा कि डिजिटल दुनिया में हमारी हर गतिविधि ट्रैक की जा सकती है, इसलिए हमें सतर्क और सावधान रहना आवश्यक है।

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